भाभी ने देवर को अपना दूध पिलाया

raj.patel.jigolo 2023-10-11 Comments
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नमस्कार मित्रो में Raj Patel फ्रॉम गुजरात। दोस्तों ये सबसे पहले बतादूँ के राजस्थान के ठाकुर परिवार में हुई ये घटना सम्पूर्ण सच्ची नहीं है। परंतु हकीकत से मिलती जुलती है। एक माँ समान भाभीने अपने देवर को अपना दूध पिलाकर चुदाई करवाई।

इस कहानी के पात्र
मंजला देवी: इस घर की माँ
अर्जुनसिंह: बड़ा भाई उम्र 33 साल
ममता: घर की एकलौती बहु उम्र 32 साल, हाइट 5 फ़ीट 3 इंच
रणवीर: मंजला भाई, उम्र 24 साल, हाइट 6’2″,
भरत: सबसे छोटा भाई, उम्र 22 साल, हाइट 6’00”
गहना: सबसे छोटी बहन उम्र 20 साल

दोस्तो इस परिवार में तीन भाई और एक बहन है। इसके अलावा खानदान का आसपास के गाँव में बहुत नाम है। इसलिए आए दिन रिश्तेदार और सगे संबंधी आते जाते रहते है और घर में नौकर भी खूब है।

परिवार का कारोबार और खेत खलिहान का हिसाब मुनशी जी संभाल लेते है और बड़ा बेटा अर्जुनसिंह सम्भलता है। दोनो छोटे भाई बड़े भाई का हर कहना मानते है। और दोनों परिवार के लिए दुनियाभर में किसी से भी लड़ सके ऐसे हिम्मतवाले है।

भरत और रणबीर के बारे में बता दें की दोनों भाई ठाकुर परिवार के थे और दोनों लंबे चौड़े ताक़तवर और दिखने में खूबसूरत थे। बांके जवान और दोनों के लंड घोड़े के जैसे लंबे और शक्तिशाली थे।

अर्जुनसिंह की बीवी का नाम ममता है। नाम जैसे ही गुण थे। अपनी सास की चहिती और अपने पति के तीनों भाई बहनों को माँ के समान प्रेम करती है। वो दूध जैसी गोरी और खूबसूरत चेहरे की मालकिन है। उसका फिगर 36-32-34 है और बहुत आकर्षक दिखती है।

उसको अभी 1 महीने की बेटी हुई है। इसलिए दुधारू होने की वजह से उसके बॉब्बे बड़े बड़े है। उसकी छाती में दूध का प्रोडक्शन ज्यादा होता था इसलिए बच्चा हेल्थी था।

एक दिन उनके हँसते खेलते परिवार को किसी की नज़र लग गई और अर्जुनसिंह का एक्सीडेंट में देहांत हो गया। दोनो भाइयो के सर से जैसे छत चली गई और माँ और बहन का रो रो कर बुरा हाल था। ममता के सिर पर तो जैसे आसमान तूट पड़ा था।

उसको लगा की अब उसके बच्चे का क्या होगा। पर दोनों भाइयों और बहनने भाभी को संभाला और अपने भाई की निशानी उनकी भतीजी को कोई कमी ना रह जाने का वादा किया। अर्जुनसिंह की मौत को अब सात महीने गुजर चुके थे।

दोनों भाइयो की आदत थी कि वे सालाना एक बार शिकार करने के लिए जंगल जाते थे। पर इसबार दोनों जंगल में कहीं घूम गए और दो दिन तक लौटे ही नही। ठकुराइन मंजुला देवी का दिल बैठ गया। एक बेटे को गवा चुकी थी अब दो और घूम हो गए थे।

इसलिए माँ की ऐसी हालत देखकर नौकरों की टुकड़ी के साथ ममता भी गई अपने प्यारे देवरो को ढूंढने। ममता जल्दी जल्दी आगे बढ़ रही थी लेकिन नौकर सब पीछे छूट गए। पर अचानक उसे दोनों देवर मिल गए। उसने उन दोनों को खूब डाँटा।

फिर तीनों जंगल से बाहर जाने का रास्ता खोजने लगे। ममता को रास्ता पता था। पर रात बहोत हो गई थी। जंगल की रात भयानक और डरावनी होती है। तभी अचानक तेज बारिश होने लगी और वे भीग गए।

तभी उन्हें सामने एक फारेस्ट का खाली क्वार्टर दिखा जिसमे कोई ड्यूटी पर नही था। क्योंकि दोनों भाईओ को ढूंढने में फारेस्ट लगी थी। उन तीनों ने अंदर जाकर लाइट जलाई और दिन होने का इंतेज़ार करने लगे।

ममता पूरी तरह से भीग चुकी थी। उसकी सफेद साड़ी उसके गोरे चिकने बदन से चिपक गई थी। और साड़ी और ब्लाउज थोड़े ट्रांसपेरेंट भी हो गई थी उसमें से उसके बदन का कसाव साफ दिख रहा था। सफेद ब्रा में से उसके निप्पल भी गौर से देखने पर दिख रहे थे।

ममता को भरत ने टॉवल ढूंढ के दिया जिससे वो अपने बालों को खुला कर के पोंछने लगी। रणवीर ने अपने शर्ट को निकाल दिया। ममता की नजर उसके मर्दाना बदन पे ही टिक गई। जब रणबीर ने ममता की आंखों में देखा तो उसने आंखे चुराली।

फिर भरत ने भी अपनी शर्ट निकाल दी। उसके बॉडी पे एक भी बाल नही था और जिम जा कर सिक्स पैक बॉडी बनाया था। तभी ममता को जोरोसे छींक आई।

भरत: भाभी आपके कपड़े बुरी तरह भीग चुके है। आपको सर्दी लग जाएगी!

ममता: पर यहां कुछ पहनने को नही है।

रणवीर और भरत कुछ पहनने को ढूंढने लगे तभी वहां हरे रंग का कपड़ा मिला। उन दोनों ने ममता को दिया और उनके मना करने पर भी उसे साड़ी निकाल देने के लिए कन्विन्स कर लिया। ममता दूसरे रूम में जाकर अपने कपड़े निकालने लगी।

पहले उसने साड़ी को अपने बदन से दूर किया। अब ब्लाउज के पीछे की डोरी को निकालने लगी। पर डोरी अटक गई थी। खुल ही नही रही थी। उसने बहुत ट्राय करने के बाद आखिर में भरत को बुलाया। भरत अंदर आते ही उसकी नजर भाभी के गोरे बदन उसकी कमर और नाभि पर गई।

उसका मन अब बदलने लगा था। ममता के कहने पर वो ब्लाउज की डोर खोलने लगा। कुछ प्रयत्न के बाद उसने डोर खोल दी और भाभी के ब्लाउज को निकालने लगा। ममताने चौकते हुए उसके हाथ को रोक लिया। एक हाथ से वो अब अपने ब्लाऊज को संभाले हुए थी।

भरत ने फिर ममता की कमर पकड़कर उसे घुमाया और पेटीकोट के नाड़े को खोल दिया। जिससे पेटीकोट गीरने ही वाला था की ममताने आधे से पकड़ लिया पर उसकी सफेद पेंटी और गोरी गोरी जांघे आधी दिख रही थी। उफ्फ! क्या मादक लग रही थी ममता! जैसे तैसे अपनी वस्त्रो को सम्भाले हुए थी।

उसका मुंह खुला का खुला था पर भरत मुस्कुराते हुए निकल गया। यहाँ ममता ब्रा और पेंटी सहित पूरे कपड़े निकाल कर नंगी हो गई। उसके पास एक्स्ट्रा ब्रा थी जो वह हमेशा अपने पास रखती थी। क्योंकि उसके सीने में दूध का भरपूर प्रोडक्शन होता था। जिससे कई बार उसकी छातियों में से दूध का लीकेज हो जाता था।

उसने काली ब्रा पहन ली और नीचे पेटीकोट की जगह हरे रंग का कपड़ा लपेट लिया। कपड़ा छोटा था इसलिए उसकी नाभी से काफी नीचे बंधा हुआ था। अब वो बाहर आई तो दोनों भाई अपनी सगी बड़ी भाभी को देखते ही रह गए।

काली ब्रा में उसका बड़े बड़े मम्मे और रेशमी हरे कपड़े में उसकी गांड का उभार। ऊपर से गोरा चिकना बदन।खूबसूरत चेहरा। जिसमे गुलाब की पंखुड़ियों से होंठ जिसे देखते ही चूसने का मन हो जाए। दाढ़ी के भाग में काला तिल। एक और तिल उसके उन्नत स्तनों के मध्यरेखा (क्लीवेज) की ठीक बाई और मम्मे पे था।

दोनों ही के मुँह में पानी आ गया और उनके लंबे काले लंड फनफनाने लगे। उन दोनों को अपने इस कृत्य पर मन ही मन पछतावा भी हो रहा था। लेकिन वह नजारा ही ऐसा था कि किसी भी मर्द को कंट्रोल करना मुश्किल हो जाए।

ममता को बहुत अनकम्फर्टेबल लग रहा था। दोनो भाईओने पूछा तो उसने कुछ नहीं कहा। भरत बताने के लिए जोर देने लगा। तो ममताने बात फिराते हुए कहा, “तुम दोनों को भूख लगी होगी मेरे पास कुछ सूखे मेवे है।” उसने अपने पर्स से काजू बादाम और पिस्ते निकाल के दोनों भाईओ को दिए।

उनकी भूख तो नही मिटी पर राहत हुई। अब वो क्वार्टर के बरामदे में बारिश को देख रहे थे। तभी जोरो से बिजली चमकी तो ममता घबराकर रणवीर से लिपट गई। रणवीर ने भी उसे अपनी बाहों में समा लिया। फिर अचानक ममता को खयाल आते ही अपने आप को उससे दूर हटा लिया।

ममता के चेहरे पर शर्मिदगी के भाव था। उसके खुले बाल चांद से चेहरे पर आ रहे थे। रणवीर ने अपनी उंगलियों से बाल की लट को ममता के कान के पीछे सटा दिया।

रणवीर: भाभी बताओ ना क्या हुआ है? आप का चेहरा कुछ बेचैन लग रहा है।

ममता: कुछ नहीं हुआ रणवीर!

रणवीर: आप को मेरी कसम बताओना भाभी।

ममता: बच्ची को दूध नही पिलाया कल से। इसलिए छाती भारी हो गई है। और थोड़ा दर्द हो रहा है!

ममता को अपने जवान देवर के सामने ये बात कहने में बड़ी लाज आ रही थी। कुछ देर तक कोई कुछ नही बोला, फिर।

भरत: भाभी अगर आप चाहें तो हम आपकी मदद कर सकते है।

ममता: कैसे?

रणवीर: आप चाहे तो हम मुन्नी की जगह…

इतना कहते कहते तो ममताने रणवीर को एक थप्पड़ मार दिया। और वहाँ से चली गई। वो अंदर के कमरे में चली गई जहां पर एक बेड था जिसपे जाके बैठ गई। दोनों भाई अपनी भाभी को मनाने के लिए वहाँ पहुँचे।

रणवीर और भरत अब अपनी भाभी के अधनंगे बदन का अवलोकन कर रहे थे। सिर्फ काली ब्रा में उसकी बड़ी बड़ी छातियां और नंगी गोरी बाहे उन दोनों के मुंह मे पानी आ गया। दोनों अपनी भाभी के अगल बगल बैठ गए।

ममता खड़ी होने गई तो रणवीर ने उसे हाथ पकड़ कर बैठा लिया। फिर उसने ब्रा के हुक खोल कर नीचे कर दिया। अब ममता भी उन दोनों के इस बर्ताव से गर्म हो चुकी थी। पर अब भी वो उन दोनों को आगे नहीं बढ़ने दे रही थी।

इसलिए भरत ने उसे पीछे से दोनों हाथों को पीछे की तरफ बांध कर कसके पकड़ लिया। अब रणवीर के लिए उसका शिकार तैयार था। बेबस और लाचार। उसने ममता के दाए मम्मे को मुंह मे ले लिया और चूसने लगा। ममता के मुँह से आह निकल गई। और दूध की एक तेज धार रणवीर के मुँह में गई।

मीठा गाढ़ा दूध उस आदमी की पिपासा को शांत कर रहा था। ममता की आंखे बंद थी। उसका विरोध अब बंध हो चुका था।इसलिए भरत ने हाथ छोड़ दिए। ममताने प्यार से रणवीर के सिर पे हाथ रखा अब भरत भी अपनी जगह बाए मम्मे पे आ गया था।

दोनों देवरों को ममता अपने सीने का रस पिलाने लगी। और संतुष्टी के भाव में उसने अपनी आंखें बंद कर ली। दोनों ने ममता को उठाकर बेड पर लेटा दिया और अब कंफर्टेबली उसके सीने से दूध पीने लगे करीब 15 मिनट तक दोनों ने ममता के दूध को नीचोड़ दिया।

उन दोनों ने तृप्त हो कर अपने मुँह को हाथ से साफ किया। अब दोनों खड़े होकर एक दूसरे की ओर देखने लगे फिर दोनों ने निर्णय करके अपने कपड़े निकालने चालू किया।

ममता: क्या कर रहे हो तुम? पी तो लिया मेरा दूध। अब ये कपड़े क्यों निकाल रहे हो?

भरत: तुम्हें इस रूप में देख कर शायद कोई नामर्द ही होगा जो तुझे छोड़ देगा।

आप से तुम सुनकर और ऐसी बात सुनकर ममता चौक गई।

ममता: हटो पागल हो गए क्या दोनो? में तुम्हारी भाभी हु!

रणवीर: भाभी भैया के जाने के बाद हमारा ही फर्ज है तुम्हें प्यार देना।

ममता उठ के जाने लगी तो रणवीर ने उसे पकड़ लिया। और वही खड़े खड़े ही उसे बिल्कुल नंगा कर लिया।

भरत: लगता है यह ऐसे नहीं मानेगी। मगर हमें मनवाना आता है।

उसने ममता के हाथों को कपड़े से बांध लिया और उसे बेड पर पटक दिया। दोनो भाई भी अब नंगे हो चुके थे। उनके बड़े बड़े लंड देखकर ममता घबरा गई। ममताकी कलाइयों जितने मोटे और लंबे काले लंड थे।

भरत ममता के चेहरे को अपने पास लेकर उसके होंठों पर अपने होंठ रख दिये। रणवीर उसके शरीर के नीचे के हिस्सों पर हाथ फिरा रहा था। भरत फ्रेंच किस किए जा रहा था और रणवीर उसकी नाभी से होता हुआ उसके चूत तक पहुँच चुका था।

उसने अब अपना कमाल दिखाते हुए ममता की चूत की गहराइयों में अपनी जीभ फिराने लगा। ममता का बुरा हाल था की ना चाहते हुए भी मुंह से सीसकिया निकल रही थी। दिमाग का कहना अब मेरा शरीर नहीं मान रहा था।

ऑर्गेजम के कारण ममता का शरीर एकदम अकड़ गया और चूत से पानी निकलने लगा। वो पानी रणवीर पी गया। थोड़ी देर पहले उसका दूध पिया था अब चूत का रस पीने लगा। फिर भरत को हटा कर रणवीर ने ममता की टांगो को चौड़ा किया।

अपने लंड का सुपाड़ा उसकी चूत पे रखा और धक्का मारा। लंड चूत की दीवारों से गिसता हुआ अंदर चला गया। पर बहुत दिनों से ममता चूदी नहीं थी इसलिए उसके मुंह से चीख निकल गई।
रणवीर रुक गया।

अब भरत उल्टा आ कर उसे स्पाइडर मैन किस करने लगा। और रणवीर धीरे धीरे धक्के मारने लगा। भरत धीरे धीरे उसके होंठो से नीचे आकर उसके उरोजों पे दांत गड़ाने लगा। उरोज पे दांत के निशान पड़ जाते थे। मानो बरसो का भूखा हो।चूत में अब फिर से गीलापन आने लगा था।

रणवीर ने धक्कों की रफ्तार बढ़ा दी। चूत से फच फच फच की आवाज़ आने लगी। ममताके मुँह से सिसकिया निकलने लगी। उँह आह उँह आह। कुछ देर ऐसे चुदाई के बाद ममता उत्तेजना में पागल होने लगी। मुँह से “आह नहीं,” जैसी आवाजें निकलने लगी।

अब रणवीर ने अपना लंड बाहर निकाल लिया और ममता को किसी गुड़िया की तरह उठा कर उल्टा कर के उसकी चूत में पीछे से लंड डाल दिया। डॉगी स्टाइल में चुदाई करने लगा। भरत अब सामने आ गया था उसने ममता के खूबसूरत होंठों पर अपना काला मूसल लंड फिराने लगा।

भरत ने कहा, “खोल अपना मुँह।” ममताने अपने मुँह को थोड़ा सा खोला। भरत ने अपने लंड को उसके मुँह में डाल दिया। उसके खुले बालों को कस के पकड़ कर अपने लंड को अंदर तक पेल दिया। ममता की आंखे बाहर आने लगी। उसने आज तक लंड मुंह मे नही लिया था।

वो अब गपागप मुंह की चुदाई करने लगा। पीछे से रणवीर उसकी चूत मारते हुए चूतड़ों पर जोरों से थप्पड़ मार रहा था। जिससे उसकी गांड लाल हो गयी थी। करीब 20 मिनिट तक ममता की चुदाई ऐसे ही चली। कामोत्तेजना के कारण वह चीखना चाहती थी। मगर मुंह में लंड होने के कारण सिर्फ ‘ऊई, ऊई’ जैसी ही आवाज निकली।

ममता के बड़े बड़े स्तन हिल रहे थे ममता जैसे झूला झूल रही थी। दोनों भाई एग्रेसिव हो चुके थे। ममता की चुदाई करते हुए मर्दाना आवाज़ निकाल रहे थे। घोड़े जैसी ताकत थी दोनों में। बीच में मासूम सी कली पीस रही थी। ममता की अस्मत को रौंदते हुए दोनों का अब निकलने वाला था।

रणवीर ने ममता की चूत में ही अपने गर्मा गर्म वीर्य की धारा छोड़ी जिसे उसकी चूत को भर दिया। इधर भरत ने भी अपना गाढ़ा वीर्य ममता के मुंह मे छोड़ दिया। उसका मुंह भर गया। काफी सारा रस वो पी गई और कुछ उसके होंठ से टपक रहा था।

अब तीनों निढाल हो कर बिस्तर पर लेट गए। तीनों की सांसे तेज चल रही थी। ममता कुछ देर ऐसे ही पड़ी रही। वो सोच रही थी कैसे उसके पति के दोनों भाईओने उसकी इज़्ज़त को लूंट लिया। उसकी छाती का – उसकी चुत का रस तक चूस लिया था।

फिर थकावट के कारण उसकी आंख लग गई। और सुबह जब वो उठी तो अपने आप को दोनों के बीच सैंडविच की तरह उनकी छाती से लिपटा हुआ पाया। वो उठी तो उसके बदन पर दांत और नाखुनो के निशान थे, होंठ फट गए थे, बाल बिखरे हुए थे और ठीक से चल भी नही पा रही थी।

सुबह एक घंटे बाद फारेस्ट पुलिस आ गई और उन तीनों को सही सलामत घर पहुँचा दिया। माँ और बहन खुश हो गई। उनको अपनी बड़ी बहू पर बहुत गर्व हुआ जो अपने देवरों को बचा कर ले आई थी। भाभी अपनी सांस को देखते ही लिपट कर रोने लगी।

दोनों भाई घबरा गए मगर भाभी ने कुछ नही बताया। दूसरे दिन शाम को सारे रिश्तेदार जो आए थे वे चले गए। माँजी और बहन दोनों भी एक रात के लिए बाहर दर्शन के लिए चले गए क्यों की उनके दोनों बेटे सही सलामत लौट आए थे।

ममताने साथ चलने ले लिए खूब कहा मगर माँजी नहीं मानी। अब घर पे रणवीर, भरत, ममता और छोटा बच्चा ही थे।इधर ममताने बच्ची को सुला कर बाथरूम में गर्म पानी से नहा रही थी। साथ में कल की उस घटना को सोचते हुए ग्लानी की अनुभूति कर रही थी।

किंतु उसे एक पूर्णता का एहसास भी हो रहा था। साथ में एक उधर ये दोनों भाई उसके कमरे में घुस के बेड पर लेटे हुए थे। ममता बाथरूम से सिर्फ तौलिया लपेटकर बाहर आई तो दोनों भाई इस स्वर्ग की अप्सरा का आकर्षक शरीर को निहारने लगे।

ममता उन्हें देखकर चौक गई। उसने दोनों से पूछा, “तुम यहाँ क्या कर रहे हो?”

रणवीर: हम तो आपसे मिलने आए थे। आपका शुक्रिया अदा करने आए थे की आपने हमारी जान बचाई!

ममता गुस्से से बोली: हाँ। बहुत खूब! और तुमने जो मेरे साथ किया वो? में तो तुम्हे अपने बच्चों जैसा समझती थी। पर तुम्हें शर्म नहीं आई अपने भाई की बेवा बीवी के साथ।।।(ममता चुप हो गई)

भरत: भाई के जाने के बाद आपका ख्याल रखना हमारा फर्ज भी है और हक भी।

रणवीर: और जो कल हुआ वो एक हादसा था उसका आप दुःख मत लगाईए। (कुटिल मुस्कान के साथ) क्योंकि वो अब हररोज होगा।

इतना कहते ही उसने ममता को अपने कंधे पे उठा लिया और अपने कमरे की और बढ़ने लगा। ममता को उसने अपने बिस्तर पर पटककर फिर उसका तौलिया निकाल कर खुद भी नंगा हो गया और AC चला दिया।

उसके तने हुए मजबूत लंड को देखकर डर की वजह से ममता के रोंगटे खड़े हो गए। सफेद चादर में ममता का दूधिया शरीर, उभरी हुई गांड, बड़े बड़े बॉब्बे और गुलाबी चुत देखकर रणवीर रोमांचित हो उठा।

ममता जानती थी के उस ताकतवर मर्द के सामने उस अबला की एक नही चलने वाली थी। अब रणवीर उसके ऊपर सवार हो गया फिर उसकी कानों को हल्के हल्के चूसने लगा। और फिर से होठों को चूमने लगा। फिर आंखों को।

ममता अब मदनहोश हो रही थी। उसका लिंग अब तनकर उसकी नसे दिख रही थी। ‘वह अब नीचे लेट गया और उसने ममता को उठाकर अपने लिंग पर बिठा दिया। लिँग के योनी प्रवेश से ममता के मुंह से ‘आआआआह’ की आवाज उत्तेजना के मारे निकली।

ममता की चूत अब गीली हो चुकी थी। रणवीर अब नीचे से गांड उठा कर प्रहार करने लगा। ममता इस ताकतवर घोड़े की सवारी करने लगी। उसकी चुत से पूच पुच पुच की आवाज आने लगी। वो भी अब अपनी गांड उठा उठा कर चुदवाने लगी।

ममता के मुंह से ‘उँह आह’ की आवाज आने लगी। रणवीर बिना लंड बाहर निकाले बिस्तर पर बैठ गया। कुछ देर ममता को उसने फ्रेंच किस करने लगा। इधर भरत इन दोनों की चुदाई देखकर उतेजित हो गया था।

भरत का लंड अब तन कर लाल हो गया था। उसकी नसे जैसे फटने को बेताब थी। उसने ममता को खिलौने की गुड़िया की तरह रणवीर के पास से उठा कर खड़े खड़े ही चुत में लंड डाल दिया।
वह उसकी गांड के नीचे हाथ से उठा कर खड़ा हो गया था।

और ममता को अपनी गोद में ही उठाकर खड़े खड़े चोदने लगा। ममता ने अपनी दोनों बाहों उसे गले लगा लिया था टांगे भरत की कमर से लिपट गई थी। इस तरह खड़े खड़े 20-22 शॉट मारने के बाद उसने ममता को बिस्तर पर गिरा कर उसके ऊपर आ गया।

जिससे लंड ममता की बच्चे दानी तक पहुँच गया। ममता के मुंह से ‘आह’ की चीख निकल गई।
परंतु ममता को आराम नहीं मिलने वाला था। अपने से 10 साल बड़ी औरत मानों उस नौजवान लड़के के लिए स्वर्ग की अप्सरा थी।

भरत ने ममता को पेट के बल लिटाकर उसकी गांड को साइड से पकड़कर घुटनो के बल कर दिया। और गांड के नीचे से होते हुए लंड को उसकी योनी में ‘फूच’ की आवाज के साथ डाल दिया। ममता के मुंह से चीख निकली। अब वो दनादन उसकी योनी का मर्दन डॉगी स्टाइल में करने लगा।

ममता के काले घने बालों को पकड़कर जानवर की तरह पूरी ताकत से ठोकने लगा। ममताकी बड़ी बड़ी चुचिया धक्के के साथ लय में हिल रही थी। पूरा कमरा ‘फच फच फच’ की आवाज से गूंज रहा था। एक हाथ से उसने ममता घोड़ी के बाल खींच रहा था और दूसरे हाथ से उसने ममता की गोरी गोरी चिकने गांड पर जोर से चमाट मार कर चोदने लगा।

ममता चीख पड़ी। उसकी गांड लाल हो गई। ममता को अब ऑर्गेजम आने के कारण उसकी योनि का रस बह कर अब उसकी जांगो पर आ गया था। लंड जैसे अंदर योनी में घुसता वहां से ‘धप धप धप’ चुदाई की आवाज से पूरा कमरा गूंज रहा था। ममता तेज सांसे ले रही थी।

उसने कहा, “अब तो मुझे छोड़ दो जो करना था वो कर चुके।” पर दोनों कहा मानने वाले थे। 32 साल की भरी हुई मेच्योर औरत इन नौजवान लड़को के पूरे नियंत्रण में थी। अब भरत नीचे लेट गया। रणवीर ने मुझे उठा कर उसके लिंग पे बिठा दिया। धीरे धीरे पूरा लंड अंदर चला गया।

अब भरतने ममता को सीने से लगा लिया। पीछे से रणवीर ने अपना लंड ममता के गुदा द्वार पर लगा कर जोर से धक्का मारा। “मर गई!” की चीख हवेली के बाहर तक सुनाई दी। ममता छूटने के लिए कबूतरी सी फड़फड़ाने लगी। परंतु उसे दो मर्दो के बलिष्ठ हाथों और पैरो ने जकड़ रखा था।

उसकी आँखों से आंसू आ गए। थोड़ी देर बाद रणवीर पूरा लंड ममता की गाँड में डाल कर उसके और भरत के ऊपर आ गया। ममता की हालत सेन्डविच की तरह हो गई थी। दो तगड़े लिंग ऊपर और नीचे से उसे ठोक रहे थे। दोनों ने उस औरत को झिंझोर कर नोच डाला।

और दोनों बोले, “भाभी अब से आप हम दोनों की बीवी हो। हम आपको इस खानदान का वारीस देंगे।” फिर दोनों एक साथ दहाड़ कर अंदर ही झड़ गए।

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